शिक्षक और कर्मचारियों में बढ़ रही आर्थिक तंगी, भुखमरी की स्थिति पर उठी चिंता

बलुआहा, (खौफ 24) लहटन चौधरी कॉलेज पस्तवार बलुआहा में सोमवार को शिक्षक और कर्मचारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रो. रामदेव साह ने की, जबकि संचालन का कार्य प्रो. पुष्पलता सिंह ने किया। बैठक में कॉलेज के शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने समक्ष उपस्थित गंभीर समस्याओं पर चर्चा की और समाधान की दिशा में विचार विमर्श किया।

बैठक में शिक्षकों ने कहा कि लंबे समय से बिना अनुदान के शैक्षणिक कार्य करने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। उन्होंने कहा कि कोशी क्षेत्र में स्थित इस कॉलेज में हजारों छात्र-छात्राएं अध्ययन कर रहे हैं, और यह कॉलेज इस इलाके के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र है। कॉलेज से उत्तीर्ण छात्र आज देश और समाज की सेवा में विभिन्न उच्च पदों पर कार्यरत हैं, लेकिन इसके बावजूद कॉलेज को अब तक अनुदान नहीं मिल पाया है।

शिक्षकों ने याद दिलाया कि 2010 में कॉलेज को अस्थाई संबंधन और 2018 में स्थाई संबंधन प्राप्त हुआ था। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परीक्षाफल के आधार पर अनुदान की घोषणा की थी, लेकिन अब तक वह अनुदान राशि प्राप्त नहीं हो पाई है। इस कारण से शिक्षकों और कर्मचारियों की माली हालत बेहद खराब हो गई है। कई बार बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उनकी मेडिकल जरूरतों के लिए भी पैसे की कमी हो रही है।

इसके अलावा, बैठक में यह भी चर्चा की गई कि बीएनएमयू मधेपुरा द्वारा 2007 के प्रभाव से की गई सेवा सामंजन की प्रक्रिया को अब तक दोबारा नहीं किया गया है, जबकि यह प्रक्रिया किसी भी संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों के लिए आवश्यक होती है। इस मुद्दे को पिछले सिंडिकेट और सीनेट की बैठक में भी उठाया गया था, जहां लहटन चौधरी कॉलेज के शिक्षकों के सेवा सामंजन के प्रस्ताव पर चर्चा की गई थी।

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शिक्षकों ने बीएनएमयू प्रशासन और राज्य सरकार से अपील की है कि वे कॉलेज के सेवा सामंजन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें और अनुदान राशि को भी जारी करें ताकि शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो सके।

बैठक में कॉलेज के कई प्रमुख शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित थे, जिनमें प्रो. देव कुमार सिंह, प्रो. पुष्पलता सिंह, अरबिंद कुमार सिंह, प्रांजल कुमार सिंह, किशोर राय, खालिद अहमद, शमीमा खातुन, नूतन कुमारी, निशा कुमारी, अर्चना कुमारी, शुभेंदु मिश्रा, अभिलेष झा, शिशुपाल कुमार, राजीव किशोर, सुशील झा, राज मोहन सिंह, ललित भगत, चंद्र मोहन ठाकुर, सुभाष चौरसिया, बाबू साहब पासवान, और सुभाष यादव सहित अन्य शिक्षक और कर्मचारी शामिल थे।

इस बैठक के माध्यम से शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और उम्मीद जताई कि सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन इस दिशा में शीघ्र कदम उठाएंगे, ताकि शैक्षिक माहौल और बेहतर हो सके और सभी शिक्षक और कर्मचारी राहत पा सकें।साभार

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